Saturday, 18 May 2019
श्री तुलशी के उपयोग करने का तरीका
श्री तुलसी का सेवन 200 से अधिक रोगों जैसे कि मोटापा, फ्लू, स्वाइन फ्लू, डेंगू, बुखार, खाँसी, ठंडा, जोड़ों के दर्द, रक्तचाप, अतिरिक्त वजन, चीनी, एलर्जी, हेपेटाइटिस, मूत्र विकार, गठिया, बवासीर, प्योरहाहिया, रक्तस्रावी, सूजन फेफड़े, अल्सर, तनाव, वीर्य की कमी, थकान, भूख की हानि, उल्टी आदि।
Friday, 17 May 2019
Thursday, 16 May 2019
वरदान है तुलसी, जानिए तुलसी के 8 बड़े फायदे
पौराणिक महत्व से अलग तुलसी एक जानी-मानी औषधि भी है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है. सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी और भयंकर बीमारियों में भी एक कारगर औषधि है.
"> ज्यादातर हिंदू परिवारों में तुलसी की पूजा की जाती है. इसे सुख और कल्याण के तौर पर देखा जाता है लेकिन पौराणिक महत्व से अलग तुलसी एक जानी-मानी औषधि भी है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है. सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी और भयंकर बीमारियों में भी एक कारगर औषधि है. आयुर्वेद में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद बताया गया है. तुलसी की जड़, उसकी शाखाएं, पत्ती और बीज सभी का अपना-अपना महत्व है. आमतौर पर घरों में दो तरह की तुलसी देखने को मिलती है. एक जिसकी पत्तियों का रंग थोड़ा गहरा होता है औ दूसरा जिसकी पत्तियों का रंग हल्का होता है. यौन-रोगों की दवाइयां बनाने में तुलसी खास तौर पर इस्तेमाल की जाती है. तुलसी के कुछ अनदेखे फायदे इस प्रकार हैं: 1. यौन रोगों के इलाज में पुरुषों में शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी के बीज का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. इसके अलावा यौन-दुर्बलता और नपुंसकता में भी इसके बीज का नियमित इस्तेमाल फायदेमंद रहता है. 2. अनियमित पीरियड्स की समस्या में अक्सर महिलाओं को पीरियड्स में अनियमितता की शिकायत हो जाती है. ऐसे में तुलसी के बीज का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है. मासिक चक्र की अनियमितता को दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों का भी नियमित किया जा सकता है. 3. सर्दी में खास अगर आपको सर्दी या फिर हल्का बुखार है तो मिश्री, काली मिर्च और तुलसी के पत्ते को पानी में अच्छी तरह से पकाकर उसका काढ़ा पीने से फायदा होता है. आप चाहें तो इसकी गोलियां बनाकर भी खा सकते हैं. 4. दस्त होने पर अगर आप दस्त से परेशान हैं तो तुलसी के पत्तों का इलाज आपको फायदा देगा. तुलसी के पत्तों को जीरे के साथ मिलाकर पीस लें. इसके बाद उसे दिन में 3-4 बार चाटते रहें. ऐसा करने से दस्त रुक जाती है. 5. सांस की दुर्गंध दूर करने के लिए सांस की दु्र्गंध को दूर करने में भी तुलसी के पत्ते काफी फायदेमंद होते हैं और नेचुरल होने की वजह से इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होता है. अगर आपके मुंह से बदबू आ रही हो तो तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लें. ऐसा करने से दुर्गंध चली जाती है. 6. चोट लग जाने पर अगर आपको कहीं चोट लग गई हो तो तुलसी के पत्ते को फिटकरी के साथ मिलाकर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है. तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो घाव को पकने नहीं देता है. इसके अलावा तुलसी के पत्ते को तेल में मिलाकर लगाने से जलन भी कम होती है. 7. चेहरे की चमक के लिए त्वचा संबंधी रोगों में तुलसी खासकर फायदेमंद है. इसके इस्तेमाल से कील-मुहांसे खत्म हो जाते हैं और चेहरा साफ होता है. 8. कैंसर के इलाज में कई शोधों में तुलसी के बीज को कैंसर के इलाज में भी कारगर बताया गया है . हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
श्री तुलसी ड्रॉप्स के चमत्कारी और अफलातून फ़ायदे
श्री तुलसी ड्रॉप्स के चमत्कारी और अफलातून फ़ायदे
SANA HERBAL
SAMTA NAGAR, TIMKI, TIN KHAMB CHOUK, NAGPUR 4400187620187007
पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणाली में तुलसी सर्वरोग नाशक के रूप में मानी जाती है। होली बेसिल का हिंदी में नाम तुलसी है जिसका मतलब है “अतुलनीय”। ऐसी कोई भी जड़ी-बूटी नहीँ है जो तुलसी की तरह स्वास्थ्य लाभ देती हो। तुलसी जड़ी-बूटियों की रानी मानी जाती है। इसके अपने अंतहीन औषधीय गुण हैं। यहाँ तक कि संक्रमण का ईलाज के लिए इससे बढ़िया कोई भी जड़ी-बूटी नहीँ है।
तुलसी पौष्टिक गुणों से भरपूर है। यह विटामिन्स एवं मिनरल्स से युक्त है जैसे:- विटामिन ए, बीटाकेरोटीन, पोटैशियम, आयरन, कॉपर, मैगनीज और मैग्नीशियम। इसमें सबसे बढ़िया एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लामेंटरी, एंटी-वायरल, एंटी-एलर्जिक, और एंटी-डिसीज़ गुण हैं।
तुलसी पौष्टिक गुणों से भरपूर है। यह विटामिन्स एवं मिनरल्स से युक्त है जैसे:- विटामिन ए, बीटाकेरोटीन, पोटैशियम, आयरन, कॉपर, मैगनीज और मैग्नीशियम। इसमें सबसे बढ़िया एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लामेंटरी, एंटी-वायरल, एंटी-एलर्जिक, और एंटी-डिसीज़ गुण हैं।
तुलसी 200 बीमारियों में लाभदायक है :
- फ्लू, स्वाइनफ्लू, एलर्जी और अन्य साँस की बीमारियों में..
- डेंगू, बुखार, खाँसी-सर्दी और जुकाम में..
- जोड़ों के दर्द, गठिया, ब्लड-प्रेशर, मोटापा और शुगर में..
- हैपेटाइटिस, फेफड़ों में सूजन, नकसीर और अल्सर में..
- बवासीर, वीर्य की कमी, जलन और मूत्र-संबंधी रोगों में..
- तनाव, थकान, भूख की कमी, उल्टी, हिचकी और पेट दर्द में और अन्य रोगों में..
उपयोग :- श्री तुलसी की 1बूँद एक गिलास पानी में डालकर इस्तेमाल करें। प्रत्येक व्यक्ति को हर दिन श्री तुलसी की 4 से 5 बूँद जरूर लेनी चाहिये।
नोट :- श्री तुलसी को दूध में डालकर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और न ही तुलसी के सेवन के बाद दूध पीना चाहिए ।
नोट :- श्री तुलसी को दूध में डालकर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और न ही तुलसी के सेवन के बाद दूध पीना चाहिए ।
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