Saturday, 29 June 2019
सैनिटरी नैपकिन
क्या सचमुच सैनिटरी नैपकिन से हो सकता है कैंसर? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
SANA IMC HERBAL
SAMTA NAGAR, TIMKI, TIN KHAMB CHOUK, NAGPUR, 9503593007, 7620187007
थोड़ा सावधान हो जाएं क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि सैनिटरी नैपकिन के लम्बे समय तक इस्तेमाल करने से कैंसर हो सकता है.
नई दिल्लीः क्या हर महीने पीरियड्स के दौरान आप भी पैड्स यानि सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं? अगर हां, तो थोड़ा सावधान हो जाएं क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि सैनिटरी नैपकिन के लम्बे समय तक इस्तेमाल करने से कैंसर हो सकता है.
जानिए क्या कहा जा रहा है इस मामले में-
- पैड प्लास्टिक मैटिरियल से बनता है जिसमें बीपीए और बीपीएस जैसे कई कैमिकल्स डाले जाते है जो फीमेल ऑर्गन को खराब कर सकता है.
- सैनिटरी नैपकिन में फाइबर होता है जो कि सर्विकल कैंसर का कारण बन सकता है. ऐसा कहा जा रहा है कि सैनिटरी पैड पूरी तरह से रूई से नहीं बनते हैं. ऐसे में इन्हें बनाने के दौरान सेलूलोज़ जैल का इस्तेमाल होता है.
- इतना ही नहीं, ये भी कहा जा रहा है कि पैड्स में डाइऑक्सिन भी होता है जिससे ओवेरियन कैंसर हो सकता है.
- नैप्किंस को नमी एब्ज़ोर्व करने के लिए बनाया जाता है इसलिए रूई के साथ-साथ इसमें रेयोन (सेलूलोज से बनाया हुआ नकली रेशम), सिंथेटिक फाइबर भी डाला जाता है जो बहुत ही खतरनाक होते हैं.
- इसमें पैस्टिसाईड्स और जड़ी-बूटियों को भी डाला जाता है. ऐसे में सैनिटरी नैपकिन कैंसर का कारण बन सकता है.
डॉक्टर्स की राय-
इस मामले की जांच के दौरान एबीपी न्यूज़ ने कई डॉक्टर्स से बात की. जानिए क्या कहा डॉक्टर्स ने.
इस मामले की जांच के दौरान एबीपी न्यूज़ ने कई डॉक्टर्स से बात की. जानिए क्या कहा डॉक्टर्स ने.
एम्स की गायनोक्लोजिस्ट डिपार्टमेंट की हेड डॉ. अल्का कृपलानी का कहना है कि किसी भी तरह के कैमिकल से महिलाओं को कैंसर हो सकता है. उन्होंने बताया कि यदि किसी सैनिट्री नैपकिन की मेकिंग के दौरान कैमिकल का इस्तेमाल हुआ है तो महिलाओं को उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि कैमिकल से महिलाओं का सीधे संपर्क होता है तो उन्हें कैंसर हो सकता है. उन्होंने ये भी बताया कि कई महिलाएं पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड्स पर टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल करती हैं जो कि कैंसर का कारण बन सकता है.
मैक्स वैशाली हॉस्पिटल की गायनोक्लोजिस्ट डॉ. कनिका गुप्ता का कहना है कि सर्वाइकल कैंसर सैनिटरी नैपकिन से नहीं हो सकता लेकिन सैनिटरी नैपकिन के कारण अनहाईजनिक मेडिकल कंडीशंस हो रही हैं. महिलाओं को ठीक से साफ-सफाई ना रखने के कारण इंफेक्शन हो रहा है. इससे इम्यूनिटी कम हो रही है. सीधे तौर पर कहा जाए तो यदि महिलाएं पैड्स इस्तेमाल करने के दौरान हाइजिन मेंटेन नहीं करती तो उन्हें इंफेक्शन होने का खतरा अधिक रहता है जो कि बाद में किसी गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है. हाइजिन में ये भी ध्यान रखना जरूरी है कि सैनिटरी पैड्स कितने घंटे में बदले जा रहे हैं. नैपकिन कितना हाइजिनिकली बना है.
आईवीएफ स्पेशलिस्ट और गायनोक्लोजिस्ट डॉ. शिवानी का कहना है कि बहुत सारी चीजें कैंसर होने का कारण होती है. पॉल्यूशन, डायट और भी इसी तरह की कई चीजें. हालांकि ये रिसर्च आई है कि सैनिटरी नैपकिन जो कैमिकल से बनते हैं उनसे कैंसर होने का खतरा है. लेकिन अब बहुत से बड़े ब्रांड्स ये दावा करते हैं कि उनके बनाए सैनिटरी नैपकिंस में किसी तरह का कोई कैमिकल इस्तेमाल नहीं होता. ऐसे में आपको ऐसे सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करना चाहिए जो कैमिकल से नहीं बने.
वहीं डॉ. गुलाटी का इस बारे में कहना है कि टैल्कम पाउडर से कैंसर होता है लेकिन सैनिट्री नैपकिन को लेकर ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि इससे कैंसर होता है.
ये मैसेज भी हुआ था वायरल-
आपको बता दें कि कुछ समय पहले सोशल मीडिया एक पर पोस्ट डाली गई थी और इस पोस्ट में ये कहा गया कि 56 लड़कियों की पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल होने वाले विस्पर और स्टेफ्री सैनेटरी नैपकिन के कारण डेथ हो गई. पोस्ट में चेतावनी दी गई कि दिनभर एक ही पैड इस्तेमाल ना करें क्योंकि इन अल्ट्रा नैपकिंस में कैमिकल का इस्तेमाल होता है ये कैमिकल दिनभर में लिक्विड जैल में कन्वर्ट हो जाता है जिस कारण ब्लैडर कैंसर और यूट्रस कैंसर होने का डर रहता है. पोस्ट में सलाह दी गई कि सिर्फ कॉटन से बने पैड का ही इस्तेमाल करें. साथ ही ये भी लिखा गया कि यदि आप अल्ट्रा पैड्स का इस्तेमाल करती हैं तो 5 घंटे बाद बदल लें. अगर सैनेटिरी नैपकिन नहीं बदला गया तो इसमें जमा ब्लड ग्रीन होकर फंगस बन जाता है जो कि यूट्रस के जरिए बॉडी में जाता है.
आपको बता दें कि कुछ समय पहले सोशल मीडिया एक पर पोस्ट डाली गई थी और इस पोस्ट में ये कहा गया कि 56 लड़कियों की पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल होने वाले विस्पर और स्टेफ्री सैनेटरी नैपकिन के कारण डेथ हो गई. पोस्ट में चेतावनी दी गई कि दिनभर एक ही पैड इस्तेमाल ना करें क्योंकि इन अल्ट्रा नैपकिंस में कैमिकल का इस्तेमाल होता है ये कैमिकल दिनभर में लिक्विड जैल में कन्वर्ट हो जाता है जिस कारण ब्लैडर कैंसर और यूट्रस कैंसर होने का डर रहता है. पोस्ट में सलाह दी गई कि सिर्फ कॉटन से बने पैड का ही इस्तेमाल करें. साथ ही ये भी लिखा गया कि यदि आप अल्ट्रा पैड्स का इस्तेमाल करती हैं तो 5 घंटे बाद बदल लें. अगर सैनेटिरी नैपकिन नहीं बदला गया तो इसमें जमा ब्लड ग्रीन होकर फंगस बन जाता है जो कि यूट्रस के जरिए बॉडी में जाता है.
लेकिन जब एबीपी न्यूज़ ने इसकी जांच करी तो ये बात गलत निकली. एबीपी न्यूज़ ने इस बारे में मैक्स वैशाली हॉस्पिटल की गायनोक्लोजिस्ट डॉ. कनिका गुप्ता से बात की थी. उनका कहना था कि पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड्स यूज कर रहे हों और दिनभर उसे चेंज नहीं कर रहे तो जो ब्लड इकट्ठा है उससे बस 1 पर्सेंट चांस हैं कि कुछ इंफेक्शन डवलप हो जाए लेकिन ये अलग सिचुएशन हैं. सैनिटरी पैड्स के इस्तेमाल से ना तो ब्लैडर कैंसर होता है और ना ही यूट्रेस कैंसर. इतना ही नहीं, अगर कॉटन पैड्स यूज करने की बात की जा रही हैं तो उसको भी चेंज नहीं करोगे तो इंफेक्शन और बाकी चीजें तो उससे भी हो सकती हैं. ये सिर्फ डराया जा रहा है कि 56 लड़कियों की विस्पर या स्टेफ्री से मौत हो गई.
क्या कहते हैं आंकड़े-
नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) 2015-16 की रिपोर्ट से पता चला है कि भारत में ग्रामीण महिलाएं 48.5%, शहरों में 77.5% महिलाएं और कुल 57.6% महिलाएं सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करती हैं.
नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) 2015-16 की रिपोर्ट से पता चला है कि भारत में ग्रामीण महिलाएं 48.5%, शहरों में 77.5% महिलाएं और कुल 57.6% महिलाएं सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करती हैं.
जांच के दौरान सैनिटरी नैपकिन नहीं पाए गए सुरक्षित-
2003 में अहमदाबाद स्थित कंज़्यूमर एजूकेशन एंड रिसर्च सेंटर ने बाजार में उपलब्ध 19 ब्रांड के सैनिटरी नैपकिन की जांच की तो इन पर ना सिर्फ डस्ट मिली बल्कि इनमें चीटियां भी पाईं गईं.
2003 में अहमदाबाद स्थित कंज़्यूमर एजूकेशन एंड रिसर्च सेंटर ने बाजार में उपलब्ध 19 ब्रांड के सैनिटरी नैपकिन की जांच की तो इन पर ना सिर्फ डस्ट मिली बल्कि इनमें चीटियां भी पाईं गईं.
कंज़्यूमर्स की राय-
कंज़्यूमर्स का मानना है कि जब बाज़ार में प्रोडक्ट्स अधिकारिक एजेंसियों द्वारा प्रमाणित होते हैं तो वे सुरक्षित हैं. भारत में सैनिटरी पैड को जिस स्टैंडर्ड के अनुसार परीक्षण किया जाता है उनमें 1980 से कोई बदलाव नहीं किया गया है.
अगर इस स्टैंडर्ड के अनुसार जांच की जाए तो सारे सैनिटरी पैड्स पास हो जाएंगे तो इसलिए इन स्टैंडर्ड्स में बदलाव करना ज़रूरी है या इनमें और भी पैरामीटर्स डाले जाएं.
कंज़्यूमर्स का मानना है कि जब बाज़ार में प्रोडक्ट्स अधिकारिक एजेंसियों द्वारा प्रमाणित होते हैं तो वे सुरक्षित हैं. भारत में सैनिटरी पैड को जिस स्टैंडर्ड के अनुसार परीक्षण किया जाता है उनमें 1980 से कोई बदलाव नहीं किया गया है.
अगर इस स्टैंडर्ड के अनुसार जांच की जाए तो सारे सैनिटरी पैड्स पास हो जाएंगे तो इसलिए इन स्टैंडर्ड्स में बदलाव करना ज़रूरी है या इनमें और भी पैरामीटर्स डाले जाएं.
चीफ एग्ज़िक्यूटिव ऑफिसर ऑफ वेगर हाइजीन एंड मेकर ऑफ हेल्थ एंड पर्सनल केयर के जिनोज का कहना है कि हमें ऐसे पैरामीटर्स डालने होंगे जिससे यह पता चल सके कि ये प्रोडक्ट कितना सेफ हैं.
Thursday, 27 June 2019
एलोवेरा जूस के 18 फायदे
एलोवेरा जूस के 18 फायदे
SANA HERBAL DETOXE CENTER,
SAMTA NAGAR, TIMKI, NAGPUR
7620187007
- एलोवेरा ( एलोवेरा को घृतकुमारी भी कहते हैं )
- एक छोटा सा कटीला पौधा होता है जिसकी पत्तियों में ढेर सारा तरल पदार्थ भरा होता है. इसमें कई प्रकार के प्रोटीन और विटामिन पाए जाते हैं, इसलिए यह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है. एलोवेरा औषधीय गुणों से भरपूर होता है. एलोवेरा का नियमित इस्तेमाल करके आप फिट रह सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि एलोवेरा के क्या-क्या फायदे हैं और इसका उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है.
- एलोवेरा के फायदे और उपयोग :
- एलोवेरा हमारे शरीर में खून की कमी को दूर करके रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.
- एलोवेरा हमारे शरीर की अंदरूनी सफाई करता है और शरीर को रोगाणु से मुक्त रखने में मदद करता है.
यह हमारे शरीर की नस, नाड़ियों आदि की सफाई करता है. - त्वचा की देखभाल और बालों की मजबूती व बालों की समस्या से निजात पाने के लिए एलोवेरा संजीवनी का काम करती है.
- एलोवेरा का जूस पीने से त्वचा की नमी बरकरार रहती है. और त्वचा चमकदार दिखती है.
यह त्वचा के लचीलेपन को बढ़ाकर त्वचा को खूबसूरत बनाता है. - एलोवेरा का जूस पीने से त्वचा की खराबी, मुहांसे, रूखी त्वचा, झुर्रियाँ, चेहरे के दाग-धब्बे,
आँखों के काले घेरे दूर होते हैं. - एलोवेरा का उपयोग कोई भी व्यक्ति कर सकता है. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है.
एलोवेरा जूस खून को शुद्ध करता करता है और हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा करता है.
यह शरीर में ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ाता है. - यह दिल से सम्बन्धित समस्याओं, जोड़ों के दर्द, मधुमेह, यूरिन की समस्या, शरीर में जमा
विषैले पदार्थ आदि को खत्म करने में मददगार है.
इसका नियमित उपयोग करके लंबी उम्र तक स्वस्थ रहा जा सकता है.
- हर दिन एक ग्लास एलोवेरा जूस पीने से वजन घट जाता है.
- एलोवेरा जूस दांतों को साफ और रोगाणुमुक्त रखता है. एलोवेरा जूस को माउथ फ्रेशनर के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. एलोवेरा के जूस को मुंह में भरने से छाले और बहने वाले खून को रोका जा सकता है.
- एलोवेरा का इस्तेमाल करने से बाल झड़ने की समस्या कम हो जाती है.
- आप फेसवास के रूप में भी इसका उपयोग कर सकते हैं.
- एलोवेरा के लिक्विड में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर सिर में लगाने से सिर दर्द में आराम पहुँचता है.
- एलोवेरा का जूस हर दिन पीने से कब्ज से राहत मिलती है.
- एलोवेरा का जूस और आँवला के जूस को मिलाकर पीने से मधुमेह में लाभ पहुँचता है.
- फटी एड़ियों में एलोवेरा जेल लगाने से लाभ पहुँचता है.
- एलोवेरा का जूस पीने से पीलिया में भी फायदा पहुँचता है.
सुबह उठते ही खाली पेट ऐलोवेरा पीने के है फायदे ही फायदे..
एलोवेरा का जूस, बहुत फायदेमंद होता है। इसमें कई प्रकार के प्रोटीन और विटामिन होते है जो शरीर को स्वस्थ बनाते है। इसके जूस का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है लेकिन आजकल मार्केट में इसका जूस कई फ्लेवर मं मिलता है, जिससे आप आसानी से इसे स्वाद लेकर पी सकते है। लेकिन शायद आपको ये बात मालूम नहीं होगी कि एलोवेरा पीने से 200 तरह की बीमारियों को टाला जा सकता है, और ये सभी रोग पेट सें संबंधित होते है। एलोवेरा जूस में एंटी-ऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर की अधिकांश बीमारियों को ठीक कर देते है। इसे पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और प्रतिरक्षा क्षमता दोनों का ही विकास होता है। इसे पीने से शरीर में कम होने पोषक तत्वों की भी पूर्ति हो जाती है। एलोवेरा जूस के फायदे निम्मलिखित हैं :
पेट साफ रहता है
जब आप पानी के साथ एलोवेरा जूस पीते हैं तो आपको अपने आप ही टॉयलेट जाने की इच्छा होने लगती है। अगर ऐसा रोजाना करेगें तब आपके पेट का सिस्टम गंदगी को बाहर निकालने लगेगा और आपका पेट साफ हो जाएगा। जिन लोगों को कब्ज़ की शिकायत रहती है उनके लिए ये नुस्खा बेहद कारगर साबित होता है।
डिटॉक्स करता है बॉडी
एलोवेरा जूस एक अच्छा डिटॉक्सीफिकेशन करने वाला पेय पदार्थ है। हमारे शरीर में कई प्रकार के विषैले तत्व होते है जो स्कीन को खराब कर देते है और बॉडी सिस्टम पर गंदा प्रभाव डालते है। पीने से आपके पेट के अंदर की हर प्रकार की गंदगी बाहर निकल जाती है । एलोवेरा जूस शरीर से हर प्रकार की गंदगी को बाहर निकाल देता है। साथ ही, आपको ताजगी का एहसास होता है।
भूख बढ़ाता है
जब सुबह पेट साफ नहीं हो पाता तो भूख भी नहीं लगती। ऐसे में आपके शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता। अगर आप सुबह उठते ही एलोवेरा जूस पीते हैं तो आपका पेट साफ हो जाता है और इस प्रकार से आपको भूख लगने लगती है।
सिरदर्द से छुटकारा
अक्सर लोगों को नींद पूरी करने के बावजूद सुबह सिर दर्द महसूस होता है। हममें से काफी लोगों को ये बात नहीं मालूम होती कि कई बार हमारे शरीर के अंदर पानी की कमी ही वजह से सिर में दर्द शुरु हो जाता है। अगर आपको भी ऐसी समस्या का सामना करना पड़ता है तो कोशिश करें कि सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस पियें।
बढ़ाए मेटाबॉलिज्म :-
एलोवेरा जूस पीने से मेटोबॉलिज्म को भी मजबूती मिलती है। सुबह सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस से आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म 24 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इसका मतलब है कि आप खाने को जल्द पचा सकेगें। जब खाना ठीक से पच जाता है तो शरीर अन्य समस्याओं से भी बच जाता है।
खून बढ़ता है
सुबह सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस पीना आपका खून भी बढ़ाता है। दरअसल, खाली पेट एलोवेरा जूस पीने से रेड ब्लड सेल्स जल्दी जल्दी बढ़ने लगते हैं। इसलिए अगर आपको खून की कमी है तो आप इसकी आदत जरूर डाल लें।
वजन घटता है
अगर आप ओवर वेट हैं, और वजन घटाना चाहते हैं तो सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस पीना आपकी मदद करता है। सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस पीने से शरीर से खराब ट्रांसफैट बाहार निकल कर शरीर का फैट मैटोबॉलिज्म बढ़ाता है। इस वजह से आपको वजन घटाने में आसानी होती है।
त्वचा पर चमक आती है
पहले एलोवेरा जूस पियेंगे, तो आपकी त्वचा चमकने लगेगी। इस आदत से चेहरे पर निकलने वाले कील-मुंहासे साफ हो जाएंगे। दरअसल, चेहरे की चमक का पेट के स्वास्थ्य से गहरा संबंध होता है। जब पेट ठीक रहेगा तो आपकी त्वचा स्वस्थ्य रहेगी। इससे डेंड्रफ की समस्या का भी अंत होता है। .
दांतों के लिए लाभकारी
एलोवेरा जूस में एंटी - माइक्रोवाइल प्रॉपर्टी होती है जो दांतों को साफ और जर्मफ्री रखता है। एलोवेरा जूस को माउथ फ्रेशनर के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एलोवेरा के जूस को मुंह में भरने से छाले और बहने वाले खून को भी रोका जा सकता है। इस प्रकार, एलोवेरा जूस, दांतों की समस्या के लिए लाभकारी होता है।
Sana Herbal Detoxe Center, 7620187007
Sana Herbal Detoxe Center,
Samta Nagar, Timki, Nagpur
7620187007
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